जिन्देगी मै कुछ पाने के लिये कुछ त्याग करना होता है। और कुछ बनने के लिए या अपना केरीयर बनाने के लिए बहुत मेहनत और परिश्रम करना चाहिए।
आज मै कुछ एसै लोगो के बारे मै बाताने जा रहा हु जिनलोगो ने जिन्देगी मै कड़ी सै कड़ी मेहनत किये। और मै इए जो पोस्ट लिख रहा हुँ इसमै भुल -चुक भी हो सकता है।इसिलिए जो भुल -चुक होंगे उसे दिल पे मत लिजिएगा और सुधारने मै मुझे मदद कीजिएगा।
नरेन्द दामोदोर देब मोदी-- मोदी जी के बारे मै तो सोभी को पहले सै ही पता हे कि वह एक छोटे सै दुकान मै चाय बेचते थे।लेकिन आज देखो पुरा देश चला रहा है।एक बात और मोदी जी के शासन प्रणाली मुझे बहुत अच्छे लगे। अब तक वे अपनी कर्तव्य अच्छी तरह से निभाते आ रहेँ है।एसा मुझे लगता है।
रजनीकान्त --सुपरस्टार रजनीकान्त को आज भारत के सभी लोग तथा बिदेशो मै भी पेहचानते है।उनके नाम सुनकर ही अब फिल्म हिट हो जाते हे।मै तो उसके बहुत बड़े फ्रेन्द हु। लेकिन किया आपको पता हे कि वये 25 साल मै एक बस कन्डाक्टर थे।
शशीन टेन्दुलकार --- प्रसिद्ध क्रिकेटर शशीन टेन्दुलकार आज टप मे है ।लेकिन वह मेट्रिक परीक्षा पास न कर सके।
धिरूभाई आम्बानी -- मुकेश आम्बानी के पिताजी एक पेट्रल पम्प पर काम करते थे।लेकिन आज उसके बेटा भारत के सबसे अमीर आदमी के स्थान पर है।
बिल गेट्स --- वे अपने पढ़ाई पुरी करने के लिए उसे कोई सुबिधा नही मिलते थे।
लियोनेस मेछी---वह एक चाय के दुकान मै काम करते थै ।उसके फुटबल प्रशिक्षन की फीस के लिए।
श्वाहरूक खान--वह अपने दोस्त सै 20 रुपै उधार लिए थे। फिल्मी केरियर मे जाने के लिए।मतलव बस का भाड़ा।अब आज वही सुपरस्टार बन गोए है।
आब्राहम लिकंन-- वह जब छटे थे तब लोगो के जुते साफ किया करते थे।लेकिन उसके पेहनै के लिए कोइ जुते नही थे।
तुम और हम पेहचानने बाले लोगो के जीबन गाथा बहुत ही सहज -सरल और साधारन।
उनलोगो को असाधारन बनाया उनके कोठोर परिश्रम और अपने साधना के बल पर।
तुम अब कोन हो इए जानने केलिए जरुरत नही है।तुम अब किया कर सकते हो इए जानना जरुरी है।
उनलोगो को असाधारन बनाया उनके कोठोर परिश्रम और अपने साधना के बल पर।
तुम अब कोन हो इए जानने केलिए जरुरत नही है।तुम अब किया कर सकते हो इए जानना जरुरी है।
तुम गरीब घर मै जन्मे इए तुम्हारा भुल नही।तुम गरीब होकर मर गए इसमै तुम्हारा भुल है।
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