इस दुनिया मे अनेको लोग तथा तरह तरह के लोग रहते है ।हर लोगो का एक ना एक सपना जरुर हता है। चाहे वो सपना पूरा हो पाए या ना हो पाए । लेकिन सभी लोग अपने अपने सपनो को पुरा करने के लिए बहत कशिस करता है। एसा ही एक कालेज मे पढने वाला एक लड़का था। जो हर समय मे तरह तरह के सपनो मे दूबे रहते है। वह बहत ही गरीब घर का था। उनके पिता एक साधारन किसान थे और मा सारा दिन घर का काम करते करते हि पूरि दिन गुजार देती थी। लड़के कि पिताजी दिन भर परिश्रम करके दो वक्त का खाना और बेटे को पढाने के लिए थोड़ा पैसा इतंजाम कर पाता था लड़का सुबह उठकर खाना खाकर टाईम पर हर रोज कालेज जाता हे और कालेज से आकर पिता कौ थोड़ा काम मे थोड़ा मदद करता था। पिता कि इतना परिश्रम करता हूआ लड़के को देखा नही जाता था वह अदंर ही अदंर रोता था । और रोज सचता था कि वह एसा किया काम करे कि उनलोगो कि जिदंगी बदल सकते है। थोड़ा सा भी माता पिता की परिश्रम दुर हो सके । लेकिन वह कर भी किया सकते थे ।उनकी तो पढाई भी अभी पुरि नही हूई । पढाई भी
छड़ नही सकते कियोकिं हर माता पिता एक ही सपना होता हे कि उनके लड़के को पढ़ा लिखा कर बरा आदमी बना सके और लड़का माता पिता कि इए सपना हकीकत में बदलना चाहते है । सचते सचते लड़के का कालेज एक साल एसा ही खत्म हो गया और अभी तक कुछ भी कर नही सका लेकिन वह अभी भी एक सपना देखता हे कि वह कुछ पैसै केसै कमाए जिस पैसो से माता पिता कि थोड़ी सी भी मदद हो सके....
चलो दोस्तो कहानी के अतिंम समय मे बाताता हू कि जो अजनबी लड़के के बारे मे मेंने इए कहानी लिखा वह लड़का और कोई नही खुद मे ही हू । हां दोस्तो इस कहानी में जोभी हे वह मेरे बिते हूए कल है ।और आज भी एसा ही हुँ।
छड़ नही सकते कियोकिं हर माता पिता एक ही सपना होता हे कि उनके लड़के को पढ़ा लिखा कर बरा आदमी बना सके और लड़का माता पिता कि इए सपना हकीकत में बदलना चाहते है । सचते सचते लड़के का कालेज एक साल एसा ही खत्म हो गया और अभी तक कुछ भी कर नही सका लेकिन वह अभी भी एक सपना देखता हे कि वह कुछ पैसै केसै कमाए जिस पैसो से माता पिता कि थोड़ी सी भी मदद हो सके....
चलो दोस्तो कहानी के अतिंम समय मे बाताता हू कि जो अजनबी लड़के के बारे मे मेंने इए कहानी लिखा वह लड़का और कोई नही खुद मे ही हू । हां दोस्तो इस कहानी में जोभी हे वह मेरे बिते हूए कल है ।और आज भी एसा ही हुँ।
.or blogg pane ke lia like kare
ReplyDelete